इन्तजार में खो गईं आँखे
पथ्थर जैसी हो गईं आँखे
वो घर नही सिर्फ दीवारें हैं
माँ के गम में खो गईंआँखे
दूर तलक़ तक कोई नही है
दामन मेरा भिगो गईं आँखे
मुद्दत हो गई उनसे बिछुड़े हुए
इस सफर में खो गईं आँखे
हाय "लता"ये क्या कर डाला
उनके दिल में उतर गईं आँखे
मंजुलता जैन
पथ्थर जैसी हो गईं आँखे
वो घर नही सिर्फ दीवारें हैं
माँ के गम में खो गईंआँखे
दूर तलक़ तक कोई नही है
दामन मेरा भिगो गईं आँखे
मुद्दत हो गई उनसे बिछुड़े हुए
इस सफर में खो गईं आँखे
हाय "लता"ये क्या कर डाला
उनके दिल में उतर गईं आँखे
मंजुलता जैन
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