असल में थौड़ा मुस्करा लेता हूँ
थौड़ी देर ग़म को भुला लेता हूँ !!
नज़र ख़ुद को जहाँ नहीं आता
ख़ुद को ऐसे कहीं छुपा लेता हूँ !!
होता है दर्दे दिल लाइलाज़ रोग
लेकिन मैं फ़िर भी दवा लेता हूँ !!
थौड़ी पी लेता हूँ तो हर्ज क्या है
दिल की लगी को भुजा लेता हूँ !!
तुम्हारी तरह बेवफ़ा तो नहीं मैं
ले देके कीमत भी चुका लेता हूँ !!
किसी का एहसान लेता भी क्यों
गिर कर मैं ख़ुद को उठा लेता हूँ !!
थौड़ी देर ग़म को भुला लेता हूँ !!
नज़र ख़ुद को जहाँ नहीं आता
ख़ुद को ऐसे कहीं छुपा लेता हूँ !!
होता है दर्दे दिल लाइलाज़ रोग
लेकिन मैं फ़िर भी दवा लेता हूँ !!
थौड़ी पी लेता हूँ तो हर्ज क्या है
दिल की लगी को भुजा लेता हूँ !!
तुम्हारी तरह बेवफ़ा तो नहीं मैं
ले देके कीमत भी चुका लेता हूँ !!
किसी का एहसान लेता भी क्यों
गिर कर मैं ख़ुद को उठा लेता हूँ !!
शायर #अनजान 'अश्क़'
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