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------------ग़ज़ल-------------
भूली यादों को जगा देते क्यूँ हो
मेरे ज़ख्मों को हवा देते क्यूँ हो
मेरे ख़्वाबों में आकर चले जाते हो
मेरी रातों को सज़ा देते क्यूँ हो
तुम भी रोते हो मेरे लिए छुपकर
अपनी आँखों से बता देते क्यूँ हो
तुम्हे याद है बस एक गलती मेरी
और बातों को भुला देते क्यूँ हो
मेरे मरने की करके आरज़ू 'आदिल'
मुझे जीने की दुआ देते क्यूँ हो
-आदिल फर्रुखाबादी
meet me on facebook. Type- आदिल सरफ़रोश
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------------ग़ज़ल-------------
भूली यादों को जगा देते क्यूँ हो
मेरे ज़ख्मों को हवा देते क्यूँ हो
मेरे ख़्वाबों में आकर चले जाते हो
मेरी रातों को सज़ा देते क्यूँ हो
तुम भी रोते हो मेरे लिए छुपकर
अपनी आँखों से बता देते क्यूँ हो
तुम्हे याद है बस एक गलती मेरी
और बातों को भुला देते क्यूँ हो
मेरे मरने की करके आरज़ू 'आदिल'
मुझे जीने की दुआ देते क्यूँ हो
-आदिल फर्रुखाबादी
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