मधुशाला छंद-
लेलो रे हर श्याम श्याम अरु,राम नाम का मधु प्याला
जितना रमते हो इस रस मे,उतना मधुरिम मधुहाला
जो रस पीते सब धर्मी यह , मन तरंग उठ लहराता
सुख दुख जीवन पथगामी के,त्राण एक है मधुशाला ।।
श्रीमन्नारायण चारी"विराट"
लेलो रे हर श्याम श्याम अरु,राम नाम का मधु प्याला
जितना रमते हो इस रस मे,उतना मधुरिम मधुहाला
जो रस पीते सब धर्मी यह , मन तरंग उठ लहराता
सुख दुख जीवन पथगामी के,त्राण एक है मधुशाला ।।
श्रीमन्नारायण चारी"विराट"
0 comments:
Post a Comment