आसमा में चाँद सितारे जड़े लगते हैं
हर मोड़ पर वो मुझे खड़े लगते हैं
इक अजब दास्ताँ है मेरे साथ यारों
दो तीन साल मुझसे वो बड़े लगते हैं
कवि नदीम जगदीशपुरी
हर मोड़ पर वो मुझे खड़े लगते हैं
इक अजब दास्ताँ है मेरे साथ यारों
दो तीन साल मुझसे वो बड़े लगते हैं
कवि नदीम जगदीशपुरी
nice ....................
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