मौसम बरसात का
मौसम बरसात का
ये कैसा हो गया है
नीला आकाश भी
बादलो से ढक गया है।
गर्मी के वाद मौसम
धीरे धीरे बदल गया है
वरसात के मौसम का
आगमन जो हो गया है ।
गर्मी के पसीने से अभी
कपडे गीले होते थे
अब पानी की फौहारो
से गीले हो रहे है ।
वरसात की फौहार
आती है चली जाती है
कभी ठंडक कभी
थोडी गर्मी लगती है
गीला करके सुकून देती है ।
आकाश मे बादलो की
भाग दौड कभी धूप
कभी छाँव कर देती है
कभी धूम धडाके से
वारिश होने लगती है ।
मौसम वरसात का है
मिट्टी की खुशबू भी
सौदी सौदी लगती है
खिडकी खोल दो
हवा भी ठंडी लगती है ।
हर मौसम की अपनी
अपनी तासीर होती है
जो मौसम के बदलने
हमेशा अच्छी लगती है ।
श्रंगार करो चाहे जितना
बरसात से धुल जाता है
बनावट चाहे जितनी करो
सच सामने आ जाता है ।
अनन्तराम चौबे
ग्वारीघाट जबलपुर
मो 9770499027
597/157
मौसम बरसात का
ये कैसा हो गया है
नीला आकाश भी
बादलो से ढक गया है।
गर्मी के वाद मौसम
धीरे धीरे बदल गया है
वरसात के मौसम का
आगमन जो हो गया है ।
गर्मी के पसीने से अभी
कपडे गीले होते थे
अब पानी की फौहारो
से गीले हो रहे है ।
वरसात की फौहार
आती है चली जाती है
कभी ठंडक कभी
थोडी गर्मी लगती है
गीला करके सुकून देती है ।
आकाश मे बादलो की
भाग दौड कभी धूप
कभी छाँव कर देती है
कभी धूम धडाके से
वारिश होने लगती है ।
मौसम वरसात का है
मिट्टी की खुशबू भी
सौदी सौदी लगती है
खिडकी खोल दो
हवा भी ठंडी लगती है ।
हर मौसम की अपनी
अपनी तासीर होती है
जो मौसम के बदलने
हमेशा अच्छी लगती है ।
श्रंगार करो चाहे जितना
बरसात से धुल जाता है
बनावट चाहे जितनी करो
सच सामने आ जाता है ।
अनन्तराम चौबे
ग्वारीघाट जबलपुर
मो 9770499027
597/157
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