बड़ा वीरान मौसम है कभी मिलने चले आओ
हर इक जानिब तेरा ग़म है कभी मिलने चले आओ !
हर इक जानिब तेरा ग़म है कभी मिलने चले आओ !
हमारा दिल किसी गहरी जुदाई के भँवर में है
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ !
हमारी आँख भी नम है कभी मिलने चले आओ !
मेरे हमराह गरचे दूर तक लोगों की रौनक़ है
मगर जैसे कोई कम है कभी मिलने चले आओ
मगर जैसे कोई कम है कभी मिलने चले आओ
अँधेरी रात की गहरी ख़मोशी और तन्हा दिल
दिए की लौ भी मद्धम है कभी मिलने चले आओ !
दिए की लौ भी मद्धम है कभी मिलने चले आओ !
हवाओं और फूलों की नई ख़ुशबू बताती है
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ !
तेरे आने का मौसम है कभी मिलने चले आओ !
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