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' किसान '
****
मेरा भारत देश महान है
देश की ताकत किसान है
पर भारत के किसानों की
दशा पर मैं अक्सर सोचा करती हूँ
उनकी पीड़ा को महसूस कर
मन ही मन रोया करती हूँ
सारे देश के पेट को
जो है भरता
वो ही क्यों
आत्महत्या करके है मरता
सबकी अपनी मांगें हैं
सबकी अपनी जरूरत
फिर क्यों नहीं
किसान की जिन्दगी
हो सकती है खूबसूरत
गर्मी , ठण्ड और बरसात
सब में वो मेहनत करता है
फिर भी अपनी दैनिक
आवश्यकताओं को पूरा
करने को तरसता है
लाचारी और मज़बूरी
उसके जीवन के अंग हैं
आँसू और दर्द ही
हमेशा उसके संग हैं
अपनी फसल का उचित मूल्य
मांगने जब वो सड़क पर आता है
तब
बेरहम प्रशासन की
गोली से भुंज जाता है
जनता के चुने नुमाइंदे
फिर दिखावा करते हैं
दिल में कोई टीस नहीं
बस
घड़ियाली आँसू बहाया करते हैं
ऐ सत्ता के महाराजा
तुम इतना जान लेना
किसानों के अगर दर्द को
न समझे तो
जंगल की ओर चले जाना
लोकतंत्र में अगर तुम
तानाशाही दिखाओगे
तो एक दिन वो आयेगा
जब तुम मिटटी में मिल जाओगे ...
सुना तुमने ...
तुम , मिटटी में मिल जाओगे ...
अनुभा मुंजारे ......... !!!
' किसान '
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मेरा भारत देश महान है
देश की ताकत किसान है
पर भारत के किसानों की
दशा पर मैं अक्सर सोचा करती हूँ
उनकी पीड़ा को महसूस कर
मन ही मन रोया करती हूँ
सारे देश के पेट को
जो है भरता
वो ही क्यों
आत्महत्या करके है मरता
सबकी अपनी मांगें हैं
सबकी अपनी जरूरत
फिर क्यों नहीं
किसान की जिन्दगी
हो सकती है खूबसूरत
गर्मी , ठण्ड और बरसात
सब में वो मेहनत करता है
फिर भी अपनी दैनिक
आवश्यकताओं को पूरा
करने को तरसता है
लाचारी और मज़बूरी
उसके जीवन के अंग हैं
आँसू और दर्द ही
हमेशा उसके संग हैं
अपनी फसल का उचित मूल्य
मांगने जब वो सड़क पर आता है
तब
बेरहम प्रशासन की
गोली से भुंज जाता है
जनता के चुने नुमाइंदे
फिर दिखावा करते हैं
दिल में कोई टीस नहीं
बस
घड़ियाली आँसू बहाया करते हैं
ऐ सत्ता के महाराजा
तुम इतना जान लेना
किसानों के अगर दर्द को
न समझे तो
जंगल की ओर चले जाना
लोकतंत्र में अगर तुम
तानाशाही दिखाओगे
तो एक दिन वो आयेगा
जब तुम मिटटी में मिल जाओगे ...
सुना तुमने ...
तुम , मिटटी में मिल जाओगे ...
अनुभा मुंजारे ......... !!!
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