सुन समय ।
..............
ठहर तो जरा ,भाग ना इस कदर,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे।
तेरी मुझको जरुरत बहुत है अभी,
चालअपनी तू थोड़ा कम कर तो ले।
जब तू चल रहा था मेरे पीछे पीछे ,
मुझे ना ध्यान था,तेरी कदर कर तो लें।
आज मैं हूँ शिथिल चाल तेरी है बढ़ी ,
होता ही नहीं तेरे संग संग चल तो लें।
ठहर तो जरा , भाग ना इस कदर ,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे ।
आ रहा देख पतझड़ दिल दुख रहा,
क्या करें अब कि ये सपने सँवर तो ले ।
ऋतुचक्र चल रहा ना रुकेगा कभी ,
फिर भी चाहत कि ख्वाब पूरे हो तो लें।
रंग पड़ने लगे है हाय फीके सखी ,
पर तमन्ना सातरंगों से नभ को रंग तो लें।
ठहर तो जरा ,भाग ना इस कदर ,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे ।।
डॉ.सरला सिंह ।
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ठहर तो जरा ,भाग ना इस कदर,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे।
तेरी मुझको जरुरत बहुत है अभी,
चालअपनी तू थोड़ा कम कर तो ले।
जब तू चल रहा था मेरे पीछे पीछे ,
मुझे ना ध्यान था,तेरी कदर कर तो लें।
आज मैं हूँ शिथिल चाल तेरी है बढ़ी ,
होता ही नहीं तेरे संग संग चल तो लें।
ठहर तो जरा , भाग ना इस कदर ,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे ।
आ रहा देख पतझड़ दिल दुख रहा,
क्या करें अब कि ये सपने सँवर तो ले ।
ऋतुचक्र चल रहा ना रुकेगा कभी ,
फिर भी चाहत कि ख्वाब पूरे हो तो लें।
रंग पड़ने लगे है हाय फीके सखी ,
पर तमन्ना सातरंगों से नभ को रंग तो लें।
ठहर तो जरा ,भाग ना इस कदर ,
देख मुझको तू मेरे सपने संजोने तो दे ।।
डॉ.सरला सिंह ।
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