कुछ वक्त मिले तो आ जाना
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कुछ वक्त मिले तो आ जाना
कुछ ख्वाबों को महका जाना
कुछ नेह स्नेह की बातें हों
कुछ प्रीत भरी सौगातें हों
कुछ बच्चों की किलकारी हो
कुछ अपनी ही खुद्दारी हो
कुछ बातें जीवन साथी की
कुछ विपदा जैसे हाथी की
कुछ बातें घर परिवारों की
कुछ बातें अपने प्यारों की
कुछ मौसम की भी बातें हो
कुछ सदा सुहागन रातें हों
कुछ माँगों मे सिंदूर सजे
कुछ खुशियों के भी ढोल बजें
कुछ परि परिजन परिवारों की
कुछ गैरों के व्यवहारों की
कुछ बातें अपने सपनों की
कुछ कहें जरा कुछ अपनो की
कुछ बातें जरा निराली हों
कुछ रजनी सी भी काली हों
कुछ सूरज चंदा तारों की
कुछ अपने पुण्य विचारों की
कुछ अपनापन दर्शा जाना
कुछ वक्त मिले तो आ जाना
❤ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई
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कुछ वक्त मिले तो आ जाना
कुछ ख्वाबों को महका जाना
कुछ नेह स्नेह की बातें हों
कुछ प्रीत भरी सौगातें हों
कुछ बच्चों की किलकारी हो
कुछ अपनी ही खुद्दारी हो
कुछ बातें जीवन साथी की
कुछ विपदा जैसे हाथी की
कुछ बातें घर परिवारों की
कुछ बातें अपने प्यारों की
कुछ मौसम की भी बातें हो
कुछ सदा सुहागन रातें हों
कुछ माँगों मे सिंदूर सजे
कुछ खुशियों के भी ढोल बजें
कुछ परि परिजन परिवारों की
कुछ गैरों के व्यवहारों की
कुछ बातें अपने सपनों की
कुछ कहें जरा कुछ अपनो की
कुछ बातें जरा निराली हों
कुछ रजनी सी भी काली हों
कुछ सूरज चंदा तारों की
कुछ अपने पुण्य विचारों की
कुछ अपनापन दर्शा जाना
कुछ वक्त मिले तो आ जाना
❤ओम अग्रवाल (बबुआ), मुंबई
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