दिल से दिल का मिलन है, सिर्फ नैना चार नहीं है
अटूट बन्धन बनता है, कोई कच्चा तार नहीं है
पागल हो क्या जो खत्म होने की बात करते हो
मौहब्बत है ये, कोई बिकाऊ बाजार नहीं है
★★★★★
इं.पी.के. हाथरसी
अटूट बन्धन बनता है, कोई कच्चा तार नहीं है
पागल हो क्या जो खत्म होने की बात करते हो
मौहब्बत है ये, कोई बिकाऊ बाजार नहीं है
★★★★★
इं.पी.के. हाथरसी
0 comments:
Post a Comment