इश्क
जो तूफानी दरिया से बगावत कर जाये वो "इश्क"
जो भरे दरबार में दुनिया से लड़ जाये वो "इश्क"
जो अपनों को बेगाने कर जाये वो "इश्क"
जो भरी महफ़िल में तन्हा कर जाये वो "इश्क"
जो अपने महबुब को देखकर खुदा को भूल जाये वो "इश्क"
रचनाकार एल आर सेजू थोब
जो तूफानी दरिया से बगावत कर जाये वो "इश्क"
जो भरे दरबार में दुनिया से लड़ जाये वो "इश्क"
जो अपनों को बेगाने कर जाये वो "इश्क"
जो भरी महफ़िल में तन्हा कर जाये वो "इश्क"
जो अपने महबुब को देखकर खुदा को भूल जाये वो "इश्क"
रचनाकार एल आर सेजू थोब
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