खुदा का शुक्र है आँखों के शहर में मेरे....
रात आई है आज सदर- ए- मोहतरम बनकर...
मुद्दतों बाद मुझे नींद आने वाली है....
चलो मैं फिर से वही ख़्वाब देख लेता हूँ...
रात आई है आज सदर- ए- मोहतरम बनकर...
मुद्दतों बाद मुझे नींद आने वाली है....
चलो मैं फिर से वही ख़्वाब देख लेता हूँ...
हर किसी व्यक्ति को उसके जीवन में एक मोह जरूर होता है और वो मोह है #स्वार्थ, स्वार्थ ,अपने घर में अपने बड़ों से #प्रेम पाने का उनसे #शाबाशी पाने का, उनसे #स्नेह का और जब आपकी ये #आकांक्षा #सम्मान में परिवतिर्त होल्डर आपको प्राप्त हो जाए तो और क्या चाहिए...
********** आप सभी का स्वागत है *********
#आज शाम 6 बजे से #ऋषिवाल्मीकि_जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित ,मेरे अपने #बरेलीशहर के प्रतिष्ठि पारंपरिक #कविसम्मेलन में आप सभी का स्वागत है।
विशेष आभार आदरणीय Rohit Rakesh भैया यूँ ही स्नेह बनाये रखियेगा, आभार आदरणीय #मनोज_थपलियाल जी मेला अध्यक्ष, आभार #बरेली।

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