समझ रही हो ना..
चली जो आ रही अब तक बदल हर रीत जाएगी।
हमेशा हारकर खुद से तू खुद को जीत जाएगी।
कोई इतना भला कैसे किसी को चाह सकता है,
यही बस सोचने में उम्र तेरी बीत जाएगी।
-दुर्गेश
हमेशा हारकर खुद से तू खुद को जीत जाएगी।
कोई इतना भला कैसे किसी को चाह सकता है,
यही बस सोचने में उम्र तेरी बीत जाएगी।
-दुर्गेश

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