अंधकार सब दूर करे वो, पाप मिटा देता है
हर पापी मिटता है जो इन्साफ मिटा देता है
लेते वीर जन्म धरा पर, बनकर एक सवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
प्रेम भाव उत्पन्न हुवा ईष्या मन से दूर हुई
प्यार मोहब्बत की परिभाषा मन में फिर उत्तीर्ण हुई
मिलकर गाते लोग यहाँ पर, भजन और कवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
घृणा का तुम त्याग करो और,प्रेम की बंशी बजाओ
दीप जलाकर घर घर में हर घर को यार सजाओ
प्रेम में पड़ जाएँ यारा सब गुंडे और मवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
कवि नदीम जगदीशपुरी
8795124923

हर पापी मिटता है जो इन्साफ मिटा देता है
लेते वीर जन्म धरा पर, बनकर एक सवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
प्रेम भाव उत्पन्न हुवा ईष्या मन से दूर हुई
प्यार मोहब्बत की परिभाषा मन में फिर उत्तीर्ण हुई
मिलकर गाते लोग यहाँ पर, भजन और कवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
घृणा का तुम त्याग करो और,प्रेम की बंशी बजाओ
दीप जलाकर घर घर में हर घर को यार सजाओ
प्रेम में पड़ जाएँ यारा सब गुंडे और मवाली
आई है दिवाली ...आई है दिवाली ......२
कवि नदीम जगदीशपुरी
8795124923

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