इश्क की राह में हाल बेहाल है,
लूट कर कह रही है तू' कंगाल है।
बिन पिये लड़खड़ा क्यों रहे क्या पता,
बेवड़ो सी हुयी अब में'री चाल है।
अभिषेक भारती"चंदन"
लूट कर कह रही है तू' कंगाल है।
बिन पिये लड़खड़ा क्यों रहे क्या पता,
बेवड़ो सी हुयी अब में'री चाल है।
अभिषेक भारती"चंदन"
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