कोई आरमान गढ़ता हूँ जमाना रोक लेता है।
उसे आँखों से छूता हूँ अंधेरा रोक लेता है।
बड़ा अफसोस होता है बड़ी हिम्मत जुटा करके,
तुम्हें मिलने को आता हूँ दरोगा रोक लेता है।
-शुभम शुक्ल
8127089997
उसे आँखों से छूता हूँ अंधेरा रोक लेता है।
बड़ा अफसोस होता है बड़ी हिम्मत जुटा करके,
तुम्हें मिलने को आता हूँ दरोगा रोक लेता है।
-शुभम शुक्ल
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