एक कोशिश और-
कोई भी आईना किस शख्स को अच्छा बताता है।
जो जैसा देखता है उसको वो वैसा बताता है।
जो जैसा देखता है उसको वो वैसा बताता है।
कि आधा गाँव जिस बरगद के नीचे छाँव लेता है,
उसी बरगद को पूरा गाँव क्यूँ बूढ़ा बताता है।
उसी बरगद को पूरा गाँव क्यूँ बूढ़ा बताता है।
कहीं मक्खी न बैठें माँ के ज़ख्मों पर रखे था मुँह,
वो अपने आपको एक गाय का बछड़ा बताता है।
वो अपने आपको एक गाय का बछड़ा बताता है।
"अब उन होंठों के आगे हम सभी को कौन पूछेगा"
मेरी थाली में रखा एक रसगुल्ला बताता है।
मेरी थाली में रखा एक रसगुल्ला बताता है।
पसीना खून निकला है हमारी फीस की ख़ातिर,
सितारे क्या हैं ये तो बाप का कन्धा बताता है।
सितारे क्या हैं ये तो बाप का कन्धा बताता है।
मेरी कमज़ोर आँखें थीं बहू का जार क्या टूटा,
ज़रा सी बात पर बेटा मुझे अन्धा बताता है।
ज़रा सी बात पर बेटा मुझे अन्धा बताता है।
मेरी आँखों में एक चेहरा तेरे चेहरे से मिलता है,
तेरी आँखों के कमरे का ये आईना बताता है।
-शुभम् शुक्ल
8127089997
तेरी आँखों के कमरे का ये आईना बताता है।
-शुभम् शुक्ल
8127089997
0 comments:
Post a Comment