दिल की बात निगाहों में हो गई
चलते फिरते यूँ ही राहों में हो गई
अजी अब हाल हमारा न पूछिये
कल तो रात उन्ही की बाँहों में हो गई
टूट गई पंखुडियां सारी गुलाब की
महक सारी फिजाओं में हो गई
कोयल भी गीत गुनगुनाने लगी
बात इतनी सी हवाओं में हो गई
कवि नदीम जगदीशपुरी

चलते फिरते यूँ ही राहों में हो गई
अजी अब हाल हमारा न पूछिये
कल तो रात उन्ही की बाँहों में हो गई
टूट गई पंखुडियां सारी गुलाब की
महक सारी फिजाओं में हो गई
कोयल भी गीत गुनगुनाने लगी
बात इतनी सी हवाओं में हो गई
कवि नदीम जगदीशपुरी
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