अब मोहब्बत में बढी तादाद तेरी है
दुनिया को जरूरत आज तेरी है
गुरूर है उस चाँद को आज भी लेकिन
जुगनुओं से चमचमाती रात तेरी है
कुछ तो खास है गजल ये नदीम
अब औरों से हटकर बात तेरी है
Kavi Nadeem
दुनिया को जरूरत आज तेरी है
गुरूर है उस चाँद को आज भी लेकिन
जुगनुओं से चमचमाती रात तेरी है
कुछ तो खास है गजल ये नदीम
अब औरों से हटकर बात तेरी है
Kavi Nadeem
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