हिंदी साहित्य का आधुनिक काल भारत के इतिहास के बदलते हुए स्वरूप से प्रभावित था। स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीयता की भावना का प्रभाव साहित्य में भी आया। भारत में औद्योगीकरण का प्रारंभ होने लगा था। आवागमन के साधनों का विकास हुआ। अंग्रेजी और पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव बढा और जीवन में बदलाव आने लगा।

Tuesday, 17 September 2019

छोडो न मांगों मुझसे मेरा हाथ जानेमन Chhodo na mango mujhse mera hath janeman

छोडो न मांगों मुझसे मेरा हाथ जानेमन
तुमसे न निभ सकेगा मेरा साथ जानेमन

आ पास मेरे दिल से लगा लूँ तुझे जरा
दोबारा हो न हो ये मुलाकात जानेमन

वो मुझको देखकर तेरा हसना कहाँ गया
पहले से अब नही तेरे जज्बात जानेमन

हमने तो जैसे तैसे सब गम गुजार दी
तुम भी सुनाओ कैसे कटी रात जानेमन


Shayar Waqar Faraji
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Monday, 2 September 2019

Shayari By Kavi Nadeem Jagdishpuri

न दिखकर भी उसे खूब दीखता है
जैसे अँधेरे में भी धुप दीखता है
हालत मेरी भी कुछ ऐसी है दोस्त
मुझे हर तरफ मेरा महबूब दीखता है
 कवि नदीम जगदीशपुरी
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Jab se dekha use nashe me aa gaye

हम तो उसके कहक्शे में आ गये
जब से देखा उसे नशे में आ गये
शराब को तुम गलत न कहो दोस्त 
पीने के बाद तो हम मजे में आ गये
 कवि नदीम जगदीशपुरी
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Uski Shadi Thi Ho Gai Kya by Kavi Nadeem Jagdishpuri

मेरी किश्मत भी सो गई क्या ?
मेरी वो चीज कहीं खो गई क्या ?
गाँव जाकर कोई पता तो लगाओ |
उनकी शादी थी हो गई क्या ?
  कवि नदीम जगदीशपुरी

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New Shayari By Kavi Nadeem Jagdishpuri

वो आज भी मुझसे कफ़ा नहीं है
कौन कहता है की ये वफ़ा नहीं है
देखकर मुझको वो गले से लगा ले
बस दूर है मुझसे वो बेवफा नही है
  कवि नदीम जगदीशपुरी


Wo aaj bhi mujhse kafa nahi hai 
kaun kahta hia ki ye wafa nahi hai
dekhkar mujhko gale se galen wo 
bs door hai mujhse wo bewafa nahi hai 
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Saturday, 11 May 2019

Happy Mother's Day



माँ पर बडी बडी जो सिर्फ मिशाल देता है
और माँ की कही हर बात वो टाल देता है
फिर मिलती नही जगह उसको कहीं भी
खुदा भी जन्नत से उसे फिर निकाल देता है
         कवि नदीम जगदीशपुरी
        Happy Mother`s Day
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Monday, 25 March 2019

फिर देखी तस्वीर किसी ने नई ग़ज़ल

तुमने अपनी आँखों को महखाना बना रखा है
हर किसी को यार बस दीवाना बना रखा है

आज फिर तेरी तस्वीर देख ली किसी ने
मैने भी तेरी याद को नजराना बना रखा है

तुझे देखता हूँ बस जीने की उम्मीद से
दिल को बहलाने का बहाना बना रखा है

रुक जाती है नजर तेरी तस्वीर पर जाकर
निगाहों के ठहरने का ठिकाना बना रखा है

देख लेता हूँ तेरी तस्वीर रोज सोने से पहले
जैसे किसी प्याले में पैमाना बना रखा है

जाने क्या कशिश है बस तस्वीर में नदीम
मैने मेरे लिए उसे खजाना बना रखा है

कवि नदीम जगदीशपुरी



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Thursday, 7 March 2019

New shayari by Kavi Nadeem on sahitya sewa manch

लड़की है तू गजब की मगर प्यार नहीं है 
जो चाहती थी मुझको तू वो यार नहीं है
कैसे बदल गया ये इश्क ऐ मिजाज तेरा
अब तो है लग रहा की ये संसार नही है
    कवि नदीम
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Tuesday, 19 February 2019

Shayari by Kavi Nadeem


मोहब्बत से इस कदर डर गया हूँ मैं
इक बस्ती की तरह उजड़ गया हूँ मैं
मारा है इस कर कदर मोहब्बत ने
की जिन्दा हूँ मगर मर गया हूँ मैं 

               
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Monday, 11 February 2019

New Gazal By Kavi Nadeem Jagdishpuri

ऐ जिंदगी तू क्या सिला देगी मुझको
इक रोज गहरी नींद सुला देगी मुझको
बस इक सवाल है तुझसे ऐ जिंदगी
इतनी जल्दी क्यू भुला देगी मुझको
जीतता था मैं हर बार तुझसे मगर
जानता हूँ इस बार हरा देगी मुझको
न करना तुम इश्क ये बीमारी है यारों
चढ़ाकर आसमा में गिरा देगी तुमको
न होशियार खुद को समझो जायदा
हो बर्फ तुम पर ये जला देगी तुमको
बनकर के चट्टान जो तुम रहो में आये
बनकर ये आंधी उड़ा देगी तुमको
है फरियाद तुमसे बस इतनी नदीम
न करना तुम इश्क रुला देगी तुमको
    कवि नदीम जगदीशपुरी



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Saturday, 9 February 2019

New Shayari by Kavi Nadeem Jagdishpuri

तेरे चेहरे पर मायूसी अच्छी नहीं लगती 
तेरी ये उदासी मुझे अच्छी नहीं लगती 
सोचता हूँ चिल्ला चिल्ला कर बोल दूँ मगर 
ज़माने को ये आदत अच्छी नहीं लगती 
           कवि नदीम जगदीशपुरी 


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