लड़की है तू गजब की मगर प्यार नहीं है
जो चाहती थी मुझको तू वो यार नहीं है
कैसे बदल गया ये इश्क ऐ मिजाज तेरा
अब तो है लग रहा की ये संसार नही है
कवि नदीम
जो चाहती थी मुझको तू वो यार नहीं है
कैसे बदल गया ये इश्क ऐ मिजाज तेरा
अब तो है लग रहा की ये संसार नही है
कवि नदीम
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