हिंदी साहित्य का आधुनिक काल भारत के इतिहास के बदलते हुए स्वरूप से प्रभावित था। स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्रीयता की भावना का प्रभाव साहित्य में भी आया। भारत में औद्योगीकरण का प्रारंभ होने लगा था। आवागमन के साधनों का विकास हुआ। अंग्रेजी और पाश्चात्य शिक्षा का प्रभाव बढा और जीवन में बदलाव आने लगा।

Friday, 9 October 2020

एम. मीमांसा

हजारों फूल खिलते हैं, खुले जब भी अधर तेरा
लहर लेतीं तभी नदियाँ, कमर लचके अगर तेरा
निगाहों की  कभी कोई, तुम्हारी  बात  ना  पूछे
नशे में  चूर हो जाता, पड़े  जिस पर  नज़र तेरा

                    एम. "मीमांसा"
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यही सत्य है

रिश्ते अंकुरित होते हैं प्रेम से ! जिंदा रहते हैं संवाद से ! महसूस होते हैं संवेदनाओं से ! जिये जाते हैं दिल से ! मुरझा जाते हैं गलत फहमियों से ! बिखर जाते हैं अंहकार से! और मर जाते हैं शीत-युद्ध से !! " यही सत्य है
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विजय कल्याणी तिवारी

धर्म -- आचरण -- 50 ---------------------------------------- चल धारण कर धर्म को, जाग जाग इंसान । धर्म हीन होकर धरा , जले सदृश शमशान ।। मानव तन के मोल का,कुछ तो रख मन भान। सावधान हो पग बढ़ा, जगह जगह व्यवधान।। प्रतिक्षण भजना ईश को,वहीं करेंगे पार । सांसें उसकी दी हुई ,तुमको सखा उधार।। वृथा मोह मनुहार मे ,फंस जाता है मूढ़ । क्षणिक सुखों के फेर मे, अनुचित पथ आरूढ़ ।। रक्षण होगा धर्म धरो , और नही कोई पाथ । देख रहे हैं दूर से , रघुवर दीना नाथ ।। विजय कल्याणी तिवारी बिलासपुर छग,अभिव्यक्ति-965
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