तुमने अपनी आँखों को महखाना बना रखा है
हर किसी को यार बस दीवाना बना रखा है
आज फिर तेरी तस्वीर देख ली किसी ने
मैने भी तेरी याद को नजराना बना रखा है
तुझे देखता हूँ बस जीने की उम्मीद से
दिल को बहलाने का बहाना बना रखा है
रुक जाती है नजर तेरी तस्वीर पर जाकर
निगाहों के ठहरने का ठिकाना बना रखा है
देख लेता हूँ तेरी तस्वीर रोज सोने से पहले
जैसे किसी प्याले में पैमाना बना रखा है
जाने क्या कशिश है बस तस्वीर में नदीम
मैने मेरे लिए उसे खजाना बना रखा है
कवि नदीम जगदीशपुरी
हर किसी को यार बस दीवाना बना रखा है
आज फिर तेरी तस्वीर देख ली किसी ने
मैने भी तेरी याद को नजराना बना रखा है
तुझे देखता हूँ बस जीने की उम्मीद से
दिल को बहलाने का बहाना बना रखा है
रुक जाती है नजर तेरी तस्वीर पर जाकर
निगाहों के ठहरने का ठिकाना बना रखा है
देख लेता हूँ तेरी तस्वीर रोज सोने से पहले
जैसे किसी प्याले में पैमाना बना रखा है
जाने क्या कशिश है बस तस्वीर में नदीम
मैने मेरे लिए उसे खजाना बना रखा है
कवि नदीम जगदीशपुरी