कीमती हूँ मगर दाम नही मिलते
मोहब्बत के अब शाम नही मिलते
फायदा क्या है पढ़ लिखकर यारों
दिल्ली में एक भी काम नही मिलते
कवि नदीम जगदीशपुरी
मोहब्बत के अब शाम नही मिलते
फायदा क्या है पढ़ लिखकर यारों
दिल्ली में एक भी काम नही मिलते
कवि नदीम जगदीशपुरी